लेखनी प्रतियोगिता -23-Mar-2023 अनोखा है मां का अवतार
शीर्षक-अनोखा है मां का अवतार
धरती पर भगवान बसाया,
भगवान ने चमत्कार कराया,
मां रूपी देवी को धरती पर लाया।
अनोखा बना मां का अवतार।।
मां बनती बच्चों की छाया,
परिवार में होता उसका साया,
जग संसार को चमकाया।
अनोखा है मां का अवतार।।
मां से बरसे बिन बदरा बरसात,
उसके आंचल में होती सौगात,
ममता लुटाती हैं निस्वार्थ।
अनोखा है मां का अवतार।।
मां की ममता है अपार,
निश्चल भावना से बनाती संसार,
मां की माया है अपरंपार।
अनोखा है मां का अवतार।।
मां शब्द है अनमोल,
सभी कहते ये बोल,
नहीं है जीवन में कोई तोल।
अनोखा है मां का अवतार।
सरिता सी बहती प्यार,
निर्मल होती इसकी धार,
मां से है जीवन का सार।
अनोखा है मां का अवतार।।
न्यारी है मां की करुणा,
दया की ओढ़े चादर सदा,
बढ़ाती हमेशा हौसला।
अनोखा है मां का अवतार।।
गागर बनकर अमृत बरसाती,
बच्चों पर सदा प्यार लुटाती,
बच्चों के जीवन की सागर बन जाती।
अनोखा है मां का अवतार।।
बच्चों के लिए गायिका बन जाती।
लोरी सुना कर मन बहलाती,
मीठी-मीठी धुन से सुलाती।
अनोखा है मां का अवतार।।
मां के आंचल में सजे फुलवारी,
मैं के अंगना चारों दिवारी,
घर लगे जन्नत की शहजादी।
अनोखा है मां का अवतार।।
मां ही शोहरत मां ही दौलत,
मां से ही घर की रौनक,
मां मिलती हैं हर मोड़।
अनोखा है मां का अवतार।।
मां के रूप में चांद तारा,
मां ही भगवान मां ही दुनिया,
मां से ही गूंजे किलकारी।
अनोखा है मां का अवतार।।
कितना लिखूं कलम नहीं रुकती,
मां की चरणों में मैं झुकती,
मां के शब्दों की है फुलवारी।
अनोखा है अवतार सबसे न्यारी मां ।
जगत में है सबसे प्यारी मां।।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया
ऋषभ दिव्येन्द्र
24-Mar-2023 12:42 PM
बेहतरीन लिखा आपने
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Abhinav ji
24-Mar-2023 07:33 AM
Very nice 👌
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Swati chourasia
24-Mar-2023 06:39 AM
बहुत ही सुंदर रचना 👌
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